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Fazilka, Punjab

Sep 04, 2025

‘इतनी गर्मी में छज कैसे बेचूं’

हाथ से बने सूपों की घटती मांग के बावजूद, कृष्णा रानी अब भी छज बनाने की कला को ज़िंदा रखे हुए हैं. यह पारंपरिक कला उनके परिवार में दशकों से चली आ रही है. लेकिन पंजाब के फाज़िल्का ज़िले में लू के कारण उन्हें अपने काम में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

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Author

Sanskriti Talwar

संस्कृति तलवार, नई दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और साल 2023 की पारी एमएमएफ़ फेलो हैं.

Editor

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संगीता मेनन, मुंबई स्थित लेखक, संपादक और कम्युनिकेशन कंसल्टेंट हैं.

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बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

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प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.