एक बार अवैध घुसपैठ और दो बार तस्करी के ज़रिए विदेश जाने की कोशिश करने वाले सिंह की कहानी उन असंख्य प्रवासियों की कहानियों में एक है जो सम्मानजनक और मनचाहे काम व विदेश में बसने की इजाज़त की उम्मीद में अपना घर-परिवार त्याग देते हैं और अपनी ज़िंदगी भर की जमापूंजी और पुरखों की संपत्ति फूंक देते हैं. भारत में काम की कमी उन्हें देश छोड़ने के लिए उकसाती है, और इसके लिए ऐसे रास्तों पर चलने को मजबूर करती है जो न केवल ग़ैरक़ानूनी हैं, बल्कि ख़तरनाक भी
परी सैकिया एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोप के बीच होने वाली मानव तस्करी पर केंद्रित पत्रकारिता करती हैं. वे वर्ष 2023, 2022 और 2021 के लिए जर्नलिज़्मफंड यूरोप की फ़ेलो हैं.
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Author
Sona Singh
सोना सिंह, भारत की स्वतंत्र पत्रकार और शोधकर्ता हैं. वे वर्ष 2022 और 2021 की जर्नलिज़्मफंड यूरोप की फ़ेलो हैं.
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Author
Ana Curic
एना क्युरिक, सर्बिया की एक स्वतंत्र खोजी पत्रकार हैं, और डेटा जर्नलिज़्म भी करती हैं. वे फ़िलहाल जर्नलिज़्मफंड यूरोप की फेलो हैं.
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Photographs
Karan Dhiman
करण धीमान, भारत के हिमाचल प्रदेश के वीडियो पत्रकार और सामाजिक वृतचित्र-निर्माता हैं. सामाजिक मुद्दों, पर्यावरण और समुदायों के दस्तावेज़ीकरण में उनकी विशेष रुचि है.
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Editor
Priti David
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.
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Editor
Sarbajaya Bhattacharya
सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.
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Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.