पौराणिक कथाओं, प्रकृति और देवत्व का उत्सव, ऋतुओं का बदलना, अच्छी फ़सल से जुड़ी ख़ुशियां – भारतीय त्योहारों में ये सबकुछ शामिल है. ये त्योहार समुदायों को एकजुट करते हैं और लिंग व जाति की सीमाओं से उठकर, अनोखे तरीक़ों से धार्मिक खाई को पाट सकते हैं. एक तरफ़ ये निरंतरता लाते हैं, वहीं रोज़मर्रा के जीवन व श्रम से जुड़ी मुश्किलों के बीच राहत के दो पल भी प्रदान करते हैं. ग्रामीण भारत के विविध समुदायों के कारीगरों के बिना यह सब संभव नहीं होता, जिनकी मेहनत और शिल्पकलाओं के ज़रिए त्योहारों का संगीत, नृत्य, पूजा और भोज संभव हो पाता है. पारी की इन कहानियों में विविध त्योहारों और उत्सवों को दर्ज किया गया है.