क्वियर समुदाय के लोग अपनी लैंगिक पहचान, लैंगिक अभिव्यक्ति, यौनिकता और सेक्सुअल रुझान के आधार पर ख़ुद की पहचान करते हैं. उन्हें अक्सर सामूहिक तौर पर एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के रूप में संबोधित किया जाता है, और इसमें लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वियर, इंटरसेक्स, एसेक्सुअल और अन्य शामिल हैं. उनकी सामाजिक और क़ानूनी तौर पर स्वीकृति हासिल करने की यात्रा काफ़ी संघर्षपूर्ण रही है. क्वियर समुदाय के लोग अक्सर बुनियादी अधिकारों से भी वंचित रह जाते हैं, जिनकी कहानियां इस संग्रह का हिस्सा हैं. उन्हें व्यक्तिगत और व्यावसायिक, दोनों ही दुनिया में सामाजिक स्वीकृति, न्याय, पहचान और सुरक्षित भविष्य के लिए लगातार जूझना पड़ता है. इस संग्रह में भारत के अलग-अलग इलाक़ों में दर्ज कहानियां शामिल की गई हैं. इनमें क्वियर समुदाय के लोगों की ख़ुशियों, अकेलेपन और आपसी एकजुटता की कहानी बयान होती है, जो ख़ुद की पहचान से जुड़े संघर्षों से जूझ रहे हैं