किसानों को अपने हितों के प्रति आगाह करते डुक्करवाले मामा
विट्ठल बदखल, चंद्रपुर ज़िले और उसके आसपास के इलाक़ों और ताडोबा अंधेरी टाइगर रिज़र्व के किसानों के लिए भगवान के भेजे हुए दूत की तरह हैं. लोग उनको यहां ‘डुक्करवाले मामा’ कहकर बुलाते हैं और वे इनके मुआवजों लिए लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो यहां के किसानों की नि:स्वार्थ मदद करते हैं और उनको जंगली जानवरों के हमलों में हुए नुक़सान के मुआवजे का दावा करने के बारे में जानकारियां देते हैं
जयदीप हार्दिकर, नागपुर स्थित पत्रकार-लेखक हैं और पारी की कोर टीम के सदस्य भी हैं.
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Editor
Priti David
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.
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Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.
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Author
Jaideep Hardikar
जयदीप हार्दिकर, नागपुर स्थित पत्रकार-लेखक हैं और पारी की कोर टीम के सदस्य भी हैं.
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Photographs
Sudarshan Sakharkar
सुदर्शन साखरकर, नागपुर के एक स्वतंत्र फ़ोटो-पत्रकार हैं.