badyokars-of-majuli-struggle-to-stay-in-tune-hi

Majuli, Assam

Mar 26, 2024

ज़िंदगी के सुर को बचाने के लिए संघर्षरत माजुली के बाद्यकार

असम में साल भर मनाए जाने वाले त्योहारों और उत्सवों में तालवाद्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. लेकिन इन जटिल ढोलों, खोलों और अन्य वाद्यों को बनाने और उनकी मरम्मत करने वाले कुशल कारीगरों का कहना है कि नए पशुवध रोकथाम क़ानून के कारण उन्हें मूल्य-वृद्धि के साथ-साथ उत्पीड़न जैसी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है

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Author

Prakash Bhuyan

प्रकाश भुयां, असम के एक कवि और फ़ोटोग्राफ़र हैं. वह साल 2022-23 के एमएमएफ़-पारी फ़ेलो हैं और असम के माजुली की कला व शिल्प परंपराओं पर काम कर रहे हैं.

Editor

Swadesha Sharma

स्वदेशा शर्मा, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में रिसर्चर और कॉन्टेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह स्वयंसेवकों के साथ मिलकर पारी लाइब्रेरी पर प्रकाशन के लिए संसाधनों का चयन करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.