नोबेल पुरस्कार जीतने वाले प्रथम भारतीय रवींद्रनाथ ठाकुर की यह कविता हमें सत्य, शांति, करुणा और प्रेम जैसों मूल्यों की याद दिलाती है, जिन पर किसी राज्य, धर्म और हमारी मानवता की बुनियाद टिकी होनी चाहिए
अरुणावा सिन्हा, अशोक विश्वविद्यालय में रचनात्मक लेखन विभाग में बतौर असोसिएट प्रोफ़ेसर कार्यरत हैं और अशोक अनुवाद केंद्र के सह-निदेशक हैं. वह बांग्ला और अंग्रेज़ी भाषाओं में काम करते हैं, तथा क्लासिक व समकालीन साहित्य की कई कथेतर किताबों व कहानी-कविता संग्रहों का अनुवाद कर चुके हैं, और पुरस्कृत हो चुके हैं.
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Atharva Vankundre
अथर्व वानकुंद्रे, मुंबई के क़िस्सागो और चित्रकार हैं. वह 2023 में जुलाई से अगस्त माह तक पारी के साथ इंटर्नशिप कर चुके हैं.
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Devesh
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.