ग़ैर-बराबरी की इस दुनिया में बदलाव की राह तलाशता एक सब्ज़ीवाला
काम की तलाश में यूपी से पलायन करके मुंबई आए मिथुन कुमार ने पुलिसिया दमन का सामना किया, नोटबंदी की मार झेली, और फिर कोरोना आ गया. लेकिन ज़िंदगी की आपाधापी में यह सब्ज़ीवाला बराबरी और सामाजिक न्याय का पाठ सीखता रहा और अब पारी के ज़रिए दुनिया को अपने हिस्से का सच बयान कर रहा है
सुमेर एक विजुअल स्टोरीटेलर, लेखक व पत्रकार हैं तथा राजस्थान के जैसलमेर से ताल्लुक़ रखते हैं.
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Author
Mithun Kumar
मिथुन कुमार, मुंबई में सब्ज़ी की दुकान चलाते हैं और सोशल मीडिया माध्यमों पर तथा विभिन्न वेबसाइटों के लिए सामाजार्थिक विषयों पर लेखन करते हैं.
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Photographs
Devesh
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.