प्लास्टिक के टोकन और काग़ज़ की रसीदों के बढ़ते उपयोग के बीच, मोहम्मद अज़ीम हैदराबाद के उन कुछ आख़िरी शिल्पकारों में से हैं जो अब भी चाय की कुछ पुरानी दुकानों और भोजनालयों के लिए धातु के टोकन ढालते हैं
श्रीलक्ष्मी प्रकाश हैदराबाद विश्वविद्यालय से संचार में मास्टर डिग्री के लिए पढ़ाई कर रही हैं। उन्हें शहर में घूमने और लोगों की कहानियां सुनने में मज़ा आता है।
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Pratima
प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.