हावेरी-तमाम-मुश्किलों-के-बीच-उम्मीदों-के-बीज-संजोती-रत्नव्वा

Haveri, Karnataka

Oct 21, 2021

हावेरी: तमाम मुश्किलों के बीच उम्मीदों के बीज संजोती रत्नव्वा

कर्नाटक के हावेरी ज़िले में हाथ से परागण करने की महारथी, रत्नव्वा हरिजन, क़र्ज़ और ग़रीबी के चक्र में फंसी हैं. अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए वह सबकुछ कर रही हैं, फिर चाहे समाज की जातिवादी रीति-रिवाज़ों से मुक़ाबला ही क्यों न करना पड़े

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Translator

Amit Kumar Jha

अमित कुमार झा एक अनुवादक हैं, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है.

Author

S. Senthalir

एस. सेंतलिर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर सहायक संपादक कार्यरत हैं, और साल 2020 में पारी फ़ेलो रह चुकी हैं. वह लैंगिक, जातीय और श्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर लिखती रही हैं. इसके अलावा, सेंतलिर यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में शेवनिंग साउथ एशिया जर्नलिज्म प्रोग्राम के तहत साल 2023 की फ़ेलो हैं.