लागल-भीतर-से-कुछो-कट-के-गिरल-जात-बा

South 24 Parganas, West Bengal

Jan 30, 2023

‘लागल भीतरी कुछो कट के गिरल जात बा’

पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में इहंवा नदी के पाना बहुते खारा बा, कमाई खातिर पानी में घंटों खड़ा होके मछरी, झींगा पकरे के मजबूर, गरमी में जरत घाम, सरकारी इलाज से कोसों दूर, मेहरारू लोग बच्चादानी आ दोसर तरह के सेहत के परेशानी झेले के मजबूर ह

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Swarn Kanta

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Labani Jangi

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Author

Urvashi Sarkar

उर्वशी सरकार, स्वतंत्र पत्रकार बाड़ी आ 2016 के पारी फेलो हई.

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Labani Jangi

लाबनी जंगी पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के रहे वाली बारी, आ 2020 से पारी के फेलो हई. ऊ एगो नीमन पेंटरो बारी, एह खातिर लाबनी कवनो औपचारिक पढ़ाई नइखी कइले. उहां के कोलकाता के ‘सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज’ में मजदूरन के पलायन पर पीएचडी लिख रहल बानी.

Photographs

Ritayan Mukherjee

Ritayan Mukherjee is a Kolkata-based photographer and a PARI Senior Fellow. He is working on a long-term project that documents the lives of pastoral and nomadic communities in India.

Translator

Swarn Kanta

स्वर्णकांता एगो पत्रकार, एडिटर, टेक ब्लॉगर, कंटेन्ट राइटर, ट्रांसलेटर, लिंग्विस्ट आ एक्टिविस्ट बारी.