रेंडाल-के-बुनकर-अब-केवल-चार-ही-बचे-हैं

Kolhapur, Maharashtra

Nov 14, 2019

रेंडाल के बुनकर: अब केवल चार ही बचे हैं

महाराष्ट्र के रेंडाल गांव में एक फलता-फूलता हथकरघा उद्योग बीते दशकों में गिरती मांग, पावरलूम व राज्य के समर्थन के अभाव के कारण दम तोड़ रहा है – जिसके कारण अपने करघों पर केवल कुछ ही बुनकर शेष रह गए हैं

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Anand Sinha

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Author

Sanket Jain

संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.

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Anand Sinha

आनंद सिन्हा, पारी के लिए बतौर अनुवादक काम करते हैं. अपने काम के ज़रिए ख़बरों को व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाना उनका मक़सद है, इसलिए, वह ध्यान रखते हैं कि कोई स्टोरी अनुवाद में कहीं खो न जाए.