रुख़साना के लिए खोसला साबित हुआ वन नेशन वन राशन कार्ड का दावा
बिहार के दरभंगा ज़िले में स्थित अपने गांव में तालाबंदी के दौरान, रुख़साना ख़ातून को नवंबर 2020 में जाकर राशन कार्ड मिल पाया. अब वापस दिल्ली लौटकर, उन्हें एक बार फिर से अपने हक़ का अनाज हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है
संस्कृति तलवार, नई दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और साल 2023 की पारी एमएमएफ़ फेलो हैं.
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Editor
Kavitha Iyer
कविता अय्यर, पिछले 20 सालों से पत्रकारिता कर रही हैं. उन्होंने 'लैंडस्केप्स ऑफ़ लॉस: द स्टोरी ऑफ़ ऐन इंडियन' नामक किताब भी लिखी है, जो 'हार्पर कॉलिन्स' पब्लिकेशन से साल 2021 में प्रकाशित हुई है.
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Translator
Amit Kumar Jha
अमित कुमार झा एक अनुवादक हैं, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है.