रचेनाहल्ली-में-लॉकडाउन-के-दौरान-राहत-की-तलाश

Bengaluru, Karnataka

Jul 07, 2020

रचेनहल्ली में कोरोना लॉकडाउन: भूखे बच्चे और सांप्रदायिक राजनीति

उत्तरी बेंगलुरु की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले प्रवासी दिहाड़ी मज़दूरों का काम बंद है, बचत के पैसे ख़त्म हो चुके हैं, भोजन की कमी है. उन्हें मकान का किराया चुकाना बाक़ी है, बच्चों को खाना खिलाना है, और भुखमरी के हालात से लड़ना है

Translator

Qamar Siddique

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Author

Sweta Daga

स्वेता डागा, बेंगलुरु स्थित लेखक और फ़ोटोग्राफ़र हैं और साल 2015 की पारी फ़ेलो भी रह चुकी हैं. वह मल्टीमीडिया प्लैटफ़ॉर्म के साथ काम करती हैं, और जलवायु परिवर्तन, जेंडर, और सामाजिक असमानता के मुद्दों पर लिखती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।