मैं-नलबंदी-कराने-के-लिए-घर-से-अकेली-ही-निकल-गई-थी

Udaipur, Rajasthan

Jul 27, 2022

‘मैं नलबंदी कराने के लिए घर से अकेली ही निकल गई थी’

उनके परिवारों के मर्द सामान्यतः सूरत और अन्य शहरों में प्रवासी मज़दूरों के रूप में काम करते हैं, इसीलिए उदयपुर की गमेती समुदाय की इन अकेली औरतों ने स्वास्थ्य और गर्भनिरोध जैसे मामलों में आत्मनिर्भर होना सीख लिया है, और अपने फ़ैसले ख़ुद लेती हैं

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Antara Raman

Translator

Prabhat Milind

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Author

Kavitha Iyer

कविता अय्यर, पिछले 20 सालों से पत्रकारिता कर रही हैं. उन्होंने 'लैंडस्केप्स ऑफ़ लॉस: द स्टोरी ऑफ़ ऐन इंडियन' नामक किताब भी लिखी है, जो 'हार्पर कॉलिन्स' पब्लिकेशन से साल 2021 में प्रकाशित हुई है.

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Antara Raman

अंतरा रमन, सामाजिक प्रक्रियाओं और पौराणिक कल्पना में रुचि रखने वाली एक इलस्ट्रेटर और वेबसाइट डिज़ाइनर हैं. उन्होंने बेंगलुरु के सृष्टि इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्ट, डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी से स्नातक किया है और उनका मानना है कि कहानी और इलस्ट्रेशन की दुनिया सहजीविता पर टिकी है.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.