मैं-कचरे-में-पैदा-हुई-थी-कचरे-में-ही-मरुंगी

Mumbai Suburban, Maharashtra

Jan 14, 2020

‘मैं कचरे में पैदा हुई, कचरे में ही मर जाऊंगी’

कचरा बीनने वाली 75 वर्षीय किताबुन निसा शेख़, मुंबई के सबसे बड़े डंपिंग ग्राउंड देवनार के पास काम करती हैं. अपने परिवार की देखभाल करते हुए उन्होंने ग़रीबी और हिंसा की ज़िंदगी देखी है

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Author

Shraddha Agarwal

श्रद्धा अग्रवाल 'पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया (पारी)' के लिए बतौर रिपोर्टर और कॉन्टेंट एडिटर काम करती हैं.

Translator

Vasundhra Mankotia

वसुंधरा मनकोटिया ने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से जर्नलिज़्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. प्रिंट मीडिया में तीन साल तक सब-एडिटर की भूमिका में काम करने के बाद, वह अब बतौर फ़्रीलांस पत्रकार काम कर रही हैं.