‘मुझे गांव पसंद है, लेकिन यहां कोई जीवन नहीं बचा है’
सुखलाल सुलिया, 83, किसी ज़माने में उपजाऊ रहे मध्य प्रदेश के अपने गांव की ज़िंदगी की ओर नज़र डालते हैं, जब साइकिल एक समृद्धि थी, फसलें भरपूर हुआ करती थीं और मशीनें दुर्लभ थीं। छात्रों द्वारा स्कूलों के लिए पारी की एक स्टोरी