मिरगांव-के-लोगों-पर-टूटा-दुखों-का-पहाड़

Satara, Maharashtra

Sep 11, 2021

मिरगांव के लोगों पर टूटा दुखों का पहाड़

भूस्खलन की वजह से पूरे गांव की सतह एक बराबर हो जाने के हफ़्तों बाद भी महाराष्ट्र के मिरगांव के रहने वाले लोग स्थानीय स्कूल में बसेरा बनाए हुए हैं. ऐसा तीसरी बार हुआ है कि जब उन्हें स्थानांतरित होना पड़ा हो. पहली बार ऐसा कोयना डैम की वजह से हुआ था और अब आलम यह है कि वे इस तरह जगह रहने की जगह बदलते-बदलते थक-हार गए हैं

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Author

Hrushikesh Patil

हृषिकेश पाटिल, सावंतवाड़ी स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और क़ानून की पढ़ाई कर रहे हैं. वह हाशिए पर खड़े वंचित समुदायों पर जलवायु परिवर्तन के असर को अपनी रिपोर्टिंग में कवर करते हैं.

Translator

Surya Prakash

सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.