हम ग्रामीण भारत और हाशिए के समुदायों पर आधारित कहानियों को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाने की दिशा में काम करते हैं. हम उन युवाओं के साथ मिलकर काम करते हैं जो अपने आसपास के मुद्दों पर रपट लिखना और उन्हें दर्ज करना चाहते हैं. हम उन्हें पत्रकारिता की भाषा में कहानी कहने के लिए प्रशिक्षित करते हैं और राह दिखाते हैं. हम इसके लिए छोटे पाठ्यक्रमों, सत्रों और कार्यशालाओं का सहारा लेते हैं, साथ ही साथ ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करते हैं जिनसे छात्रों को आम अवाम के रोज़मर्रा के जीवन और संघर्षों के बारे में बेहतर समझ मिल सके.