माला-में-पिरोए-गए-फूलों-की-तरह-नृत्य

Bastar, Chhattisgarh

Apr 01, 2021

माला में पिरोए फूलों की तरह नाचना और गीत गाना

सर्दियों के महीने में होने वाले समारोहों और उत्सवों के दौरान, छत्तीसगढ़ के गोंड समुदाय के युवा पुरुष और महिलाएं हल्की मांदरी और कोलांग नृत्य करने के लिए एक साथ यात्रा करते हैं, और रेला गीत गाते हैं

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Author

Purusottam Thakur

पुरुषोत्तम ठाकुर, साल 2015 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं. वह एक पत्रकार व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं और फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के लिए काम करते हैं और सामाजिक बदलावों से जुड़ी स्टोरी लिखते हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।