बेंगलुरु-के-दर्ज़ियों-के-लिए-समय-पर-कोई-सिलाई-नहीं

Paschim Medinipur, West Bengal

Oct 19, 2020

बेंगलुरु के दर्ज़ियों के लिए समय पर कोई सिलाई नहीं

लॉकडाउन में कोई आय नहीं होने के कारण, अब्दुल सत्तार और बेंगलुरु में कढ़ाई का काम करने वाले अन्य लोग पश्चिम बंगाल के अपने गांव लौटने के लिए बेताब थे। अब, चूंकि गांव में भी कोई काम नहीं है, इसलिए सत्तार शहर वापस आने के लिए बेताब हैं

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Author

Smitha Tumuluru

स्मिता तुमुलुरु, बेंगलुरु की डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र हैं. उन्होंने पूर्व में तमिलनाडु में विकास परियोजनाओं पर लेखन किया है. वह ग्रामीण जीवन की रिपोर्टिंग और उनका दस्तावेज़ीकरण करती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।