बीड के स्वास्थ्यकर्मी: जान जोख़िम में डाल कोविड से लड़े, हक़ मांगने पर मिली लाठी
कहने को तो कोविड-19 के प्रबंधन में ज़रूरी भूमिका निभाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की 'फ़ाइटर्स और हीरो' के रूप में प्रशंसा की गई थी, लेकिन महाराष्ट्र के फ्रंटलाइन वर्कर्स उपेक्षित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. वे सुरक्षित नौकरी और आर्थिक स्थिरता के लिए लड़ रहे हैं
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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Neelima Prakash
नीलिमा प्रकाश एक कवि-लेखक, कंटेंट डेवेलपर, फ़्रीलांस अनुवादक, और भावी फ़िल्मकार हैं. उनकी रुचि हिंदी साहित्य में है. संपर्क : [email protected]