प्रवासियों-का-फ़ौलादी-जिगर

Aurangabad, Maharashtra

Jun 01, 2020

कितनी जान होती है एक प्रवासी मज़दूर के भीतर

महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास 8 मई, 2020 के दिन, एक ट्रेन के नीचे कुचलकर मार दिए गए 16 प्रवासी मज़दूरों की त्रासदी आज भी परेशान करती है. यह मार्मिक कविता और विचलित करने वाली पेंटिंग हमें उस भयानक घटना की याद दिलाती हैं

Translator

Qamar Siddique

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Author

Gokul G.K.

गोकुल जीके, केरल के तिरुवनंतपुरम के एक स्वतंत्र पत्रकार हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।