गुजरात के सूरत शहर में करोड़ों के टेक्सटाइल उद्योग में घरों से काम करने वाली ओडिशा की महिलाएं, श्रम कानून से संरक्षित नहीं हैं, बेहतर भत्ते के लिए मोल-भाव नहीं कर पाती हैं और उन्हें अकुशल श्रमिक के तौर पर देखा जाता है
रीतिका रेवथी सुब्रमण्यम मुंबई स्थित पत्रकार और शोधकर्ता हैं। वह पश्चिमी भारत में अनौपचारिक क्षेत्र में मज़दूरों के पलायन पर काम कर रहे एनजीओ, आजीविका ब्यूरो के साथ एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं
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Anand Sinha
आनंद सिन्हा, पारी के लिए बतौर अनुवादक काम करते हैं. अपने काम के ज़रिए ख़बरों को व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाना उनका मक़सद है, इसलिए, वह ध्यान रखते हैं कि कोई स्टोरी अनुवाद में कहीं खो न जाए.