पोलो-की-छड़ी-बनाने-की-सैंकड़ों-साल-पुरानी-परंपरा

Jaipur, Rajasthan

Apr 16, 2023

पोलो की छड़ी बनाने की सौ साल पुरानी परंपरा

जयपुर में, अशोक शर्मा और उनका परिवार घोड़े की पीठ पर बैठकर खेले जाने वाले पोलो में इस्तेमाल होने वाले मैलेट (छड़ी) बनाता है. उन्हें सुनिश्चित करना होता है कि इन छड़ियों में संतुलन, लचीलापन, मज़बूती और हल्कापन बना रहे

Editor

Riya Behl

Translator

Seet Mishra

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Reporter

Shruti Sharma

श्रुति शर्मा, एमएमएफ़-पारी फ़ेलो (2022-23) हैं. वह कोलकाता के सामाजिक विज्ञान अध्ययन केंद्र से भारत में खेलकूद के सामान के विनिर्माण के सामाजिक इतिहास पर पीएचडी कर रही हैं.

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Riya Behl

रिया बहल, मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं और जेंडर व शिक्षा के मसले पर लिखती हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया (पारी) के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम कर चुकी हैं और पारी की कहानियों को स्कूली पाठ्क्रम का हिस्सा बनाने के लिए, छात्रों और शिक्षकों के साथ काम करती हैं.

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Seet Mishra

सीत मिश्रा एक लेखक हैं, और बतौर फ्रीलांस अनुवादक भी काम करती है.