पहाड़ों-का-चुनावी-मुद्दा-राजमार्ग-नहीं-रास्ते-की-चाह

Pithoragarh, Uttarakhand

Jun 09, 2019

पहाड़ों का चुनावी मुद्दा: राजमार्ग नहीं, रास्ते की चाह

उत्तराखंड के अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी गांवों में जिन्हें खच्चरों वाले मार्ग से मीलों पैदल चलना पड़ता है, वे उस राजनीतिक पार्टी का नाम पूछते हैं जो लंबे समय से अधूरी पड़ी सड़क के निर्माण का काम पूरा कराएगी, ताकि वे 11 अप्रैल को उस पार्टी को वोट देकर उसे सत्ता में पहुंचाएं

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Author

Arpita Chakrabarty

अर्पिता चक्रवर्ती, कुमाऊं स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।