रामप्यारी कवाची जिन किताबों को बेचते हैं उन्हें वे ख़ुद पढ़ नहीं सकते. फिर भी, छत्तीसगढ़ के गोंड समुदाय का यह किताबवाला, आदिवासियों में पढ़ने और सीखने की अलख जगा रहा है
पुरुषोत्तम ठाकुर, साल 2015 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं. वह एक पत्रकार व डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं और फ़िलहाल अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के लिए काम करते हैं और सामाजिक बदलावों से जुड़ी स्टोरी लिखते हैं.
See more stories
Translator
Sumer Singh Rathore
सुमेर एक विजुअल स्टोरीटेलर, लेखक व पत्रकार हैं तथा राजस्थान के जैसलमेर से ताल्लुक़ रखते हैं.