तमाशा-एक-ऐसी-जेल-है-जहां-मैं-क़ैद-रहना-चाहता-हूं

Satara, Maharashtra

Feb 04, 2018

‘तमाशा एक ऐसी जेल है जहां मैं क़ैद रहना चाहता हूं’

तमाशा ग्रामीण महाराष्ट्र में काफ़ी लोकप्रिय है. यहां, बहुत से लोग इसे खेतिहर मज़दूरी की तुलना में वेतन का एक ज़्यादा स्थायी स्रोत मानते हैं, हालांकि कड़ी मेहनत के बावजूद पैसे बहुत कम मिलते हैं. इसी तरह की एक मंडली मंगला बनसोडे चलाती हैं, जिन्हें रचनात्मक कला की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है

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Author

Shatakshi Gawade

शताक्षी गावडे, पुणे में स्थित एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. वह पर्यावरण, मानवाधिकारों और संस्कृति से जुड़े विषयों पर लिखती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।

Author

Vinaya Kurtkoti

पुणे में रहने वाली विनया कुर्तकोटी एक कॉपी एडिटर और स्वतंत्र पत्रकार हैं. वह कला और संस्कृति से जुड़े विषयों पर लिखती हैं.