तमाशा ग्रामीण महाराष्ट्र में काफ़ी लोकप्रिय है. यहां, बहुत से लोग इसे खेतिहर मज़दूरी की तुलना में वेतन का एक ज़्यादा स्थायी स्रोत मानते हैं, हालांकि कड़ी मेहनत के बावजूद पैसे बहुत कम मिलते हैं. इसी तरह की एक मंडली मंगला बनसोडे चलाती हैं, जिन्हें रचनात्मक कला की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है