जिनके-मेहनतकश-हाथों-से-बने-रसगुल्लों-में-है-ज़िंदगी-का-स्वाद

South West Garo Hills, Meghalaya

Aug 29, 2021

जिनके मेहनतकश हाथों से बने रसगुल्लों में है ज़िंदगी का स्वाद

असम में बीते बचपन के बदहाली के दिनों में घर से दूर रहकर चरवाहे का काम करने के बाद नोसुमुद्दीन शेख़ ने मेघालय में रसगुल्ले और जलेबी बनाने का छोटा-सा व्यापार खड़ा किया. यहां अतीत में लौटते हुए वह अपनी ज़िंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव के बारे में बात करते हैं

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Author

Anjuman Ara Begum

अंजुमन आरा बेगम एक मानवाधिकार शोधकर्ता और गुवाहाटी, असम में स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं।

Translator

Surya Prakash

सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.