जिगर-देद-के-दुख-दर्द

Srinagar, Jammu and Kashmir

Dec 08, 2020

जिगर देद के दुख-दर्द

जिगर देद अपने पति और बेटे की मृत्यु के बाद, कई दशकों से श्रीनगर की डल झील में यादों से भरी अपनी झोपड़ी और हाउसबोट में अकेली रह रही हैं। लेकिन अब दो लॉकडाउन के कारण होने वाली परेशानियों ने उन्हें तोड़कर रख दिया है

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Author

Muzamil Bhat

मुज़मिल भट, श्रीनगर के स्वतंत्र फ़ोटो-पत्रकार व फ़िल्मकार हैं, और साल 2022 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।