जांभली-में-पारंपरिक-झोपड़ी-बनाते-सुघड़-वास्तुशिल्पी

Kolhapur, Maharashtra

May 04, 2023

जांभली में पारंपरिक झोपड़ी बनाते सुघड़ वास्तुशिल्पी

लकड़ी, बांस और फूस का इस्तेमाल करके एक झोपड़ी बनाने के लिए स्थानीय रीति-रिवाज़ों और पारंपरिक तरीक़ों का गहरा ज्ञान चाहिए होता है. महाराष्ट्र के दो किसान, विष्णु और नारायण इस परंपरा को जिलाए हुए हैं

Photo Editor

Sinchita Parbat

Translator

Amit Kumar Jha

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Sanket Jain

संकेत जैन, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले पत्रकार हैं. वह पारी के साल 2022 के सीनियर फेलो हैं, और पूर्व में साल 2019 के फेलो रह चुके हैं.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Photo Editor

Sinchita Parbat

सिंचिता पर्बत, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर सीनियर वीडियो एडिटर कार्यरत हैं. वह एक स्वतंत्र फ़ोटोग्राफ़र और डाक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर भी हैं. उनकी पिछली कहानियां सिंचिता माजी के नाम से प्रकाशित की गई थीं.

Translator

Amit Kumar Jha

अमित कुमार झा एक अनुवादक हैं, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है.