जहां-लकड़ियों-के-ईंधन-से-चलती-है-ज़िंदगी-की-गाड़ी

Chitrakoot, Uttar Pradesh

Jul 08, 2021

जहां लकड़ियों के ईंधन से चलती है ज़िंदगी की गाड़ी

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित गांवों के आदिवासियों और दलितों के पास आजीविका के कुछ ही विकल्प रह गए हैं. वे ट्रेन से विभिन्न शहरों-इलाक़ों में, जलाई जा सकने वाली लकड़ियां बेचने जाते हैं. इस हाड़-तोड़ मेहनत के उन्हें दो-चार सौ रुपए मिल जाते हैं.

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Devesh

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Author

Akshay Gupta

अक्षय गुप्ता चित्रकूट धाम (कर्वी) के एक स्वतंत्र फ़ोटो-जर्नलिस्ट हैं, जो अब दिल्ली में रहते हैं.

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Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.