जंगल-हमारी-मां-है

Tawang, Arunachal Pradesh

Feb 23, 2022

'जंगल हमारी मां है'

अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग और तवांग ज़िलों के ब्रोकपा समुदाय के लोग घुमंतू चरवाहे हैं, जो ऊंचे पहाड़ों पर तय समय के भीतर मौसमी प्रवास करते हैं. प्रस्तुत है उनके दैनिक जीवन को दर्शाती फ़ोटो स्टोरी

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Author

Ritayan Mukherjee

रितायन मुखर्जी, कोलकाता के फ़ोटोग्राफर हैं और पारी के सीनियर फेलो हैं. वह भारत में चरवाहों और ख़ानाबदोश समुदायों के जीवन के दस्तावेज़ीकरण के लिए एक दीर्घकालिक परियोजना पर कार्य कर रहे हैं.

Translator

Shefali Mehra

शेफाली मेहरा, अशोका विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की छात्र हैं और उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है. वह शोध करने में कुशल हैं और अवाम व उनसे जुड़ी कहानियों में दिलचस्पी रखती हैं.