चारुबाला-ख़ुशी-और-झुमुर-दुःख-और-गीत

Purulia, West Bengal

Sep 03, 2019

चारुबाला: ख़ुशी और झुमुर, दुःख और गीत

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया ज़िले के सेनाबाना गांव की 65 वर्षीय चारुबाला कालिंदी, जिन्होंने दशकों से नचनी के रूप में नृत्य किया है, अब भी अपने रसिक और उनकी मंडली के साथ पूरी ऊर्जा से अपनी कला का प्रदर्शन करती हैं

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Abhijit Chakraborty

अभिजीत चक्रवर्ती, कोलकाता के फ़ोटोजर्नलिस्ट हैं. वह सुंदरबन पर केंद्रित बंगाली भाषा की एक त्रैमासिक पत्रिका 'सुधु सुंदरबन चर्चा' से जुड़े हुए हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।