चरागाहों-की-बाड़ेबंदी-के-चलते-मुश्किलों-से-घिरे-बकरवाल-चरवाहे

Ganderbal, Jammu and Kashmir

Jan 09, 2023

चरागाहों की बाड़ेबंदी के चलते मुश्किलों से घिरे बकरवाल चरवाहे

प्रत्येक वर्ष इस चरवाहा समुदाय को कश्मीर में चरागाहों की तलाश में हिमालय के ऊंचे इलाक़ों में जाना होता है. पर्यटन के चलते और अन्य कारणों से सैनिक बलों द्वारा चरागाहों की बाड़ेबंदी, और आधारभूत सुविधाओं की निरंतर कमी से बकरवाल समुदाय का जीवन ख़तरे में है

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Author

Ritayan Mukherjee

रितायन मुखर्जी, कोलकाता के फ़ोटोग्राफर हैं और पारी के सीनियर फेलो हैं. वह भारत में चरवाहों और ख़ानाबदोश समुदायों के जीवन के दस्तावेज़ीकरण के लिए एक दीर्घकालिक परियोजना पर कार्य कर रहे हैं.

Author

Ovee Thorat

ओवी थोराट एक स्वतंत्र शोधकर्ता हैं, और घुमंतू जीवन व राजनीतिक पारिस्थितिकी में गहरी दिलचस्पी रखती हैं.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.