क्या-परदेस-में-खटते-मज़दूरों-को-अपनी-मिट्टी-व-बोली-की-याद-आती-है

Mumbai, Maharashtra

Feb 21, 2023

क्या परदेस में खटते मज़दूरों को अपनी मिट्टी व बोली की याद आती है?

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर पारी ने भारत के अलग-अलग इलाक़ों में काम कर रहे प्रवासी मज़दूरों से बात की, और उनके जीवन में ज़मीन, भाषा और आजीविकाओं के आपसी रिश्ते और प्रभाव को समझने की कोशिश की

Author

PARI Team

Translator

Amit Kumar Jha

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Amit Kumar Jha

अमित कुमार झा एक अनुवादक हैं, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है.