कोविड के बीच ईरान में फंसी लद्दाखी अवाम हो रही उपेक्षा की शिकार
लद्दाख़ के 254 तीर्थयात्री, जिनमें से अधिकांश बुज़ुर्ग हैं, एक महीने से ज़्यादा समय से ईरान के क़ुम शहर में फंसे हैं, और यहां उनके घरों में तनाव पैदा होने लगा है
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।
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Author
Stanzin Saldon
स्टैंज़िन सैल्डॉन, लेह (लद्दाख) की रहने वाली हैं और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं. वह पिरामल फ़ाउंडेशन फ़ॉर एजुकेशन लीडरशिप के स्टेट एजुकेशनल ट्रांस्फ़ॉर्मेशन प्रोजेक्ट की क्वालिटी इंप्रूवमेंट मैनेजर हैं. वह अमेरिकन इंडिया फ़ाउंडेशन की डब्ल्यूजे क्लिंटन फ़ेलो (2015-16) रह चुकी हैं.