उन्होंने सदियों से केरल की उत्कृष्ट धूमिल-सफ़ेद व सुनहरी साड़ियां और धोतियां बनाई हैं। लेकिन आज, कम आमदनी, उम्रदराज़ कारीगर, मांग में कमी और पावरलूम इस पारंपरिक व्यवसाय को बदलावों के लिए मजबूर कर रहे हैं
रेम्या पद्मादास बेंगलुरु और केरल में स्थित एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। इससे पहले वह रॉयटर के साथ एक बिज़नेस संवाददाता के तौर पर काम कर चुकी हैं। उनका सपना है कि वह दुनिया घूमें और कहानियां सुनाएं।
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Anand Sinha
आनंद सिन्हा, पारी के लिए बतौर अनुवादक काम करते हैं. अपने काम के ज़रिए ख़बरों को व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाना उनका मक़सद है, इसलिए, वह ध्यान रखते हैं कि कोई स्टोरी अनुवाद में कहीं खो न जाए.