किसकी मुट्ठी में क़ैद हैं डिलीवरी एजेंटों-कैब ड्राइवरों के अधिकार?
ऐप-आधारित कंपनियों में काम करने वाले दिहाड़ी मज़दूरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि ये प्लेटफ़ॉर्म अक्सर उनके बुनियादी श्रम अधिकारों को नज़रअंदाज़ करते हैं. अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस, 1 मई, के मौक़े पर पारी ने देश भर के ऐसे कुछ श्रमिकों से बात की