पुर्ज़गर, पश्मीना शॉलों से गाठें निकालने का काम करते हैं, ताकि वे चिकने और ख़ूबसूरत दिखें. इस काम के लिए वे लोहे के एक तेज़ धार वाले औज़ार का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन श्रीनगर में लोहारों की मौजूदगी न के बराबर होने के कारण इन औज़ारों की मरम्मत और निर्माण का काम मुश्किल होता जा रहा है
मुज़मिल भट, श्रीनगर के स्वतंत्र फ़ोटो-पत्रकार व फ़िल्मकार हैं, और साल 2022 के पारी फ़ेलो रह चुके हैं.
Editor
Dipanjali Singh
दीपांजलि सिंह, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में सहायक संपादक हैं. वह पारी लाइब्रेरी के लिए दस्तावेज़ों का शोध करती हैं और उन्हें सहेजने का काम भी करती हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.