महाराष्ट्र के शहापुर तालुका की एक दूरस्थ बस्ती का अकेला पुल जब 2005 में ढह गया, तो वहां के निवासियों को मानसून में विद्यालय, काम पर, दवाखाना और बाज़ार जाने के लिए हर दिन एक फिसलन वाली दीवार पर चलने का जोख़िम उठाना पड़ता है
ज्योति, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर रिपोर्टर हैं; वह पहले ‘मी मराठी’ और ‘महाराष्ट्र1’ जैसे न्यूज़ चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं.
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Anand Sinha
आनंद सिन्हा, पारी के लिए बतौर अनुवादक काम करते हैं. अपने काम के ज़रिए ख़बरों को व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाना उनका मक़सद है, इसलिए, वह ध्यान रखते हैं कि कोई स्टोरी अनुवाद में कहीं खो न जाए.