उस्मानाबाद: सरकार के दावों की तरह ही खोखली है फ़सल बीमा योजना
बिना सीज़न की बारिश, मौसम के बदलते हुए पैटर्न, और कोविड-19 महामारी ने मराठवाड़ा के सामने जोख़िम और जीवन की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है; लेकिन सरकार द्वारा समर्थित फ़सल-बीमा योजना से उन्हें इन भयावह दिनों में न के बराबर राहत मिली है
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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Surya Prakash
सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.