उस्मानाबाद: कोरोना काल में ग़रीबी दे रही खिलाड़ियों को पटखनी
महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाक़ों से आने वाले ऋषिकेश घाडगे जैसे खिलाड़ी अब भविष्य की अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं. उस्मानाबाद में महामारी के बाद से, खिलाड़ी अपने अखाड़ों और खो-खो के मैदानों से दूर हो गए हैं
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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Pratima
प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.