पुणे की गयाबाई चव्हाण और अन्य के लिए अप्रैल का महीना सबसे कठिन गुज़रा, जब कोविड-19 लॉकडाउन के कारण उनकी मामूली आय बंद हो गई, और पीडीएस की दुकानों पर उनके बीपीएल राशन कार्ड को भी ख़ारिज कर दिया गया
जितेंद्र मैड एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और वाचिक परंपराओं पर शोध करते रहे हैं. उन्होंने कुछ साल पहले पुणे के सेंटर फ़ॉर कोऑपरेटिव रिसर्च इन सोशल साइंसेज़ में गी पॉइटवां और हेमा राइरकर के साथ रिसर्च कोऑर्डिनेटर के तौर पर काम किया था.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।