अचार-और-पापड़-से-आगे-ढोल-और-सपने

Patna, Bihar

Nov 15, 2017

अचार और पापड़ से आगे ढोल और सपने

गांव वालों के दंश, पति की गाली, और सदियों पुरानी जातीय अवधारणा से लड़ती, बिहार के ढ़िबरा गांव की दस दलित महिलाओं ने एक बैंड बनाया है – और अब उनकी ताल पर बहुत से लोग नाचने और झूमने लगे हैं

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Author

Puja Awasthi

लखनऊ की रहने वाली पूजा अवस्थी, प्रिंट और ऑनलाइन मीडिया की दुनिया की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, और फ़ोटोग्राफ़र हैं. उन्हें योग करना, ट्रैवेल करना, और हाथ से बनी चीज़ें काफ़ी पसंद हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।