‘अग्निवीर योजना ने फ़ौजियों को बंधुआ मज़दूर बना दिया है’
सरकारी नौकरी की तलाश में भटकते महाराष्ट्र के युवा अग्निवीर बनने के लिए जमकर प्रशिक्षण ले रहे हैं. हालांकि, उनका यह लक्ष्य अल्पजीवी है और चार साल बाद उनमें से सिर्फ़ एक चौथाई को ही सेना में स्थायी नौकरी मिले सकेगी. बाक़ियों को फिर से काम की तलाश में भटकना पड़ेगा
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.
See more stories
Author
Parth M.N.
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
See more stories
Editor
Priti David
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.