तुलुनाडु: सदियों पुरानी परंपरा का निबाह करते पटाखा कारीगर
कर्नाटक की धरती पर कई समन्वयवादी परंपराएं सांस लेती रही हैं. ऐसी ही एक परंपरा है, जिसमें मुस्लिम पुरुष विभिन्न धर्मों के धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए पटाखे बनाने और फेंकने का काम करते हैं. गर्नाल साइबेर और उनकी इस अनोखी कला पर आधारित फ़िल्म
फैज़ल अहमद, डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाते हैं. अभी वह कर्नाटक के तटीय इलाक़े में स्थित अपने गांव मालपे में रहते हैं. इससे पहले उन्होंने मणिपाल अकादमी ऑफ़ हायर एज़ुकेशन के साथ काम किया, जहां उन्होंने तुलुनाडु की जीवित संस्कृतियों पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों का निर्देशन किया है. वह एमएमएफ़-पारी के 2022-23 के फ़ेलो हैं.
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Siddhita Sonavane
सिद्धिता सोनावने एक पत्रकार हैं और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर कंटेंट एडिटर कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी मास्टर्स डिग्री साल 2022 में मुम्बई के एसएनडीटी विश्वविद्यालय से पूरी की थी, और अब वहां अंग्रेज़ी विभाग की विज़िटिंग फैकल्टी हैं.
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Ajay Sharma
अजय शर्मा एक स्वतंत्र लेखक, संपादक, मीडिया प्रोड्यूसर और अनुवादक हैं.