झारखंड में अलग-अलग जात आ समाज में अलग-अलग तरीका के गोदना चलेला. एह कला के इहंवा खास करके मेहरारुए लोग साधले बा. पुरखन के एह परंपरा में रोग-बेमारी ठीक करे के ताकत मानल मानल जाला. बाकिर गोदना जात, जेंडर आउर समाज के दोसरा बात सब के पहिचानो बा
सर्वजया भट्टाचार्य पीपल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया में सीनियर असिस्टेंट एडिटर बानी. उहां के बांग्ला के एगो अनुभवी अनुवादक बानी. कोलकाता के रहे वाला बानी. संगही, कोलकाता के इतिहास आउर यात्रा में उनकर घोर दिलचस्पी बा.
अश्विनी कुमार शुक्ला झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार बानी. उहां के इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन (2018-2019), नई दिल्ली से स्नातक कइले बानी. उहां के साल 2023 के पारी-एमएमएफ फेलो भी बानी.