मंय थक गे हवं. मोर देह अऊ मन भारी हवय. मोर आंखी मरे लोगन के पीरा ले भर गे हवय –मोर चरों डहर दलित मन के मऊत. मंय तऊन कतको कहिनी मन ला लिखे नई सकत हंव जेकर उपर मंय काम करेंव. मोला सुन्न मसूस होथे. जब मंय ये कहिनी ला लिखे सुरु करत हवं, सरकार चेन्नई के अनागापुथुर मं दलित मन के घर ला टोरत हवय. मंय अऊ घलो सन्न होगे हवंय.

मंय अभू घलो 7 अक्टूबर, 2023 के दिन तमिलनाडु के होसुर मं पटाखा गोदाम मन मं मजूर मन के मऊत ले अपन आप ला उबारे नई सकेंव. मंय अब तक ले 22 ठन मऊत के दस्तावेजीकरण करे हवं. ये मं आठ झिन 17 ले 21 बछर के उमर के पढ़ेइय्या लइका रहिन. ये सब्बो पटाखा गोदाम मं काम करत रहिन. सब्बो आठों लइका एकेच शहर के रहेइय्या अऊ संगवारी रहिन.

जब ले मंय फ़ोटोग्राफ़ी सीखे सुरु करेंव, तब ले मोला वो लोगन मन के बारे मं जाने के उछाह रहे हवय जेन मन पटाखा कारखाना, गोदाम अऊ दूकान मन मं काम करथें. मंय लंबा बखत तक ले कोसिस करेंव फेर मोला इजाजत नई मिले सकिस. मोला सब्बो पूछताछ के बखत, मोला बताय गीस के गोदाम मं कभू घलो जाय के इजाजत नई मिलय. भीतर जाय असान नई रहिस, फोटू खींचे ला त भूलेच जाव.

मोर दाई-ददा कभू घलो देवारी सेती हमर बर नव कपड़ा धन पटाखा नई बिसोइन. वो मन ये खरचा उठाय नई सकत रहिन. मोर ददा के सबले बड़े भैय्या हमर बर नवा कपड़ा बिसोवत रहिस. हमन हमेसा देवारी मनाय अपन बड़े ददा (बड़े पिताजी) के घर जावत रहेन. वो ह हमर बर पटाखा घलो बिसोवत रहिस अऊ बड़े ददा समेत सब्बो लइका मन फोरत रहेन.

मोला पटाखा फोरे ह जियादा भावत नई रहिस. जइसने- जइसने मंय बड़े होवत गेंय, वोला फोरे पूरा बंद कर देंव. मंय देवारी समेत सब्बो तिहार ला मनाय घलो बंद कर दे रहेंव. फोटोग्राफी मं आय के बादेच मोला गरीब मजूर लोगन मन के जिनगी के समझ आय लगिस.

मंय फोटोग्राफी के जरिया ला बनेच अकन बात सिखेंव. हरेक बछर देवारी बखत पटाखा गोदाम मं आगि लगत रहिस अऊ अलहन होवत रहय. मंय अइसने जगा मं रहेंव जिहां मोला अइसने अलहन के जियादा परवाह नई रहिस.

The eight children killed in an explosion in a firecracker shop belonged to Ammapettai village in Dharmapuri district. A week after the deaths, the village is silent and no one is celebrating Diwali
PHOTO • M. Palani Kumar

पटाखा के दुकान मं होय धमाका मं मारे गेय आठों लइका धर्मपुरी जिला के अम्मापेट्टई गांव के रहिन. वो मन के मरे के हफ्ता भर बाद घलो गांव ह सुन्ना परे हवय अऊ कऊनो देवारी नई मनावत हवय

वइसे, ये बछर [2023] मं, मंय सोचे रहेंव के मोला कम से कम ये घटना मन के दस्तावेजीकरण करे ला चाही. तभेच मंय सुनेंव के तमिलनाडु अऊ कर्नाटक के सरहद मं कृष्णागिरी के तीर एक ठन पटाखा धमाका मं एक गांव के आठ लइका के परान चले गे. मंय येला सोशल मीडिया ले जानेंव, जइसने मंय इंस्टाग्राम अऊ फेसबुक ले कतको के बारे मं जानथों. मोला विरोध प्रदर्सन घलो सोशल मीडिया ले पता चलथे.

ये खबर घलो मोला अइसनेच मिलिस, जब मंय कुछेक संगवारी मन ले पूछताछ करेंव त वो मन बताइन के सब्बो मरेइय्या एकेच शहर के रहिस अऊ देवारी बखत बूता करे ला गेय रहिन. येकर मोर ऊपर गहिर ले असर परिस. काबर के हमन घलो सीजन के काम बूता करेइय्या लोगन अन. विनायक चतुर्थी बखत, हमन अरुगमपुल (दूबी) [स्कच घास] अऊ एरुक्कमपुल (कनेर फूल)  [मिल्कवीड] ले माला बनावन अऊ वोला बेंचन. बिहाव के सीजन मं, हमन बिहाव मं परोसे के काम करत रहेन. मंय घलो अइसने लइका रहेंव जेन ह अपन परिवार के हालत सेती सीजन के बखत काम-बूता करत रहेंव.

मोर जइसनेच एक झिन लइका सीजन के बूता करे जाय रहिस फेर अलहन होगे अऊ मर गीस. येकर मोर ऊपर बनेच असर परिस.

मोला येकर दस्तावेजीकरण करे तय करेंव. मंय तमिलनाडु के धर्मपुरी जिला के अमूर तालुक के अम्मापेट्टई ले सुरु करेंव. ये गांव थेनपन्नई नदी के पार मं हवय जेन ह धर्मपुरी अऊ तिरुवन्नामलाई के बीच मं बोहाथे. नदी पार करतेच तुमन तिरुवन्नामलाई मं होहू.

गांव तक ले हबरे बर मोला तीन ठन बस बदले ला परिस. मंय बस मं जम्मो बखत तऊन संगवारी मन ले गोठियावत गुजार देंव जेन मन हालत ला जानत रहिन. अमूर के एक झिन कामरेड ह मोला अम्मापेट्टई के बस मं बइठाइस अऊ बताइस के बस टेसन मं अऊ घलो कामरेड मन मोला अगोरत होहीं. बस जब अम्मापेट्टई मं दाखिल होईस, त सबले पहिली जेन चीज मंय देखेंव, वो ह पिंजरा मं बंद अंबेडकर के मूर्ति रहिस, जेन ह भारी शांत रहिस. गांव घलो सुन्ना परे रहिस. जइसने मरघट के सुन्ना. ये ह मोर देह मं बगर गीस अऊ कांप के घुरघुरी चढ़ गीस. कऊनो घलो घर ले ककरो आवाज नई आवत रहय – अइसने लगत रहय जइसने हरेक जगा अंधियार परे होय.

जब ले मंय ये काम करे बर निकरे हवं तब ले मोला कुछु घलो खाय के मन नई करत हवय. मंय अम्बेडकर मूर्ति के आगू एक ठन चाय दुकान मं चाहा अऊ दू ठन बरा खायेंव अऊ कॉमरेड के आय ला अगोरे लगेंव.

कॉमरेड आइस अऊ मोला पहिली घर मं ले गीस जेन ह अपन बेटा गंवाय रहिस.घर के छानी एस्बेस्टस बाले रहिस; सिरिफ एक डहर छवाय रहिस.

V. Giri was 17 years old when he passed away. The youngest son, he took up work because he didn't get admission in college for a paramedical course as his marks were not high enough
PHOTO • M. Palani Kumar

वी. गिरि 17 बछर के रहिस जब वो ह गुजर गे. घर के सबले छोटे बेटा ला कम नंबर सेती पैरामेडिकल कोर्स पढ़े कॉलेज मं दाखिला नई मिले सकिस त वो ह काम करे सुरु कर दीस

एक झिन माईलोगन के आय के पहिली हमन कतको मिनट तक ले बंद फेरका ला खटखटावत रहेन. अइसने लगत रहय जइसने वो ह कतको दिन ले सुते नई ये. कॉमरेड कहिथे वो ह 37 बछर के वी. सेल्वी आय जेन ह 17 बछर के वी. गिरि के दाई आय जेन ह धमाका मं मर गे. मोला वोला जगाय के पछतावा होय ला लगिस.

जइसनेच हमन घर मं पाँव रखेन, हमन बिन छवाय भिथि मं वर्दी पहिरे एक झिन टूरा के माला लगे फोटू ला लटके देखेन. मोला अइसने लगिस जइसने मंय अपन भाई ला देखत हवं.

लॉकडाउन के तुरते बाद, मोर सगा भाई सीजन मं एक ठन पटाखा के दुकान मं काम करे गे रहिस. झन जाय के मोर बात ला नई  सुनिस. ओकर लहूंटे तक ले मोर दाई ला ओकर चिंता सतावत रहय.

गिरि के दाई बोले नई सकत रहिस. जइसनेच मंय ओकर ले ओकर बेटा के बारे मं पूछेंव त वो ह घर के कोना मं बइठ के रोये ला लगिस. कॉमरेड ह मोला कहिस हमन ओकर भाई ला अगोरबो. गिरी के दूसर सबले बड़े भाई आइस अऊ अपन छोटे भाई के गुजरे  के कहिनी सुनाय लगिस.

“ मोर नांव सुरिया आय, मंय 20 बछर के हंव. मोर ददा के नांव वेदियप्पन आय. हमर ददा ला गुजरे आठ बछर होगे हवय वोला दिल के दौरा परे रहिस.”

ओकर बोले के बाद, ओकर दाई झझकत टूटे अवाज मं बोलथे. वो ह कहिथे, “ओकर मरे के बाद ले जिनगी कठिन होगे हवय.” मोर सबले बड़े बेटा 12 वीं पढ़े के बाद काम बूता करे अऊ पइसा भेजे सेती शहर के बहिर जाय के फइसला करिस. हमन अपन करजा छूटे ला सुरु कर देन अऊ ओकर भाई मन बढ़त रहिन. हमन ओकर बिहाव करे सोचेन अऊ ओकर बिहाव ला होय तिनेच महिना होय हवय. अतक कठिन हालत मं घलो मंय लइका मन ला पढ़ा लेंव, मोला अंदाजा नई रहिस के अइसने हो जाही.

“सिरिफ येकरे बर के वो ह एक बछर कालेज पढ़े नई सकिस, वो ह दू महिना बर एक ठन कपड़ा दूकान मं काम करे गीस अऊ दू महिना तक ले वो ह घर मं रहिस. वो ह पटाखा के दुकान मं गीस काबर के ओकर संगवारी मन जावत रहिन. अऊ ये सब होगे.”

Left: A photo from Giri's childhood placed within his late father Vediyappan's photo.
PHOTO • M. Palani Kumar
Right: His mother, V. Selvi couldn't speak. She sat in the corner of the house and started to cry when I asked her about Giri
PHOTO • M. Palani Kumar

डेरी: गिरि के बचपन के एक ठन फोटू ओकर गुजरे ददा के फोटू के संग रखे गे हवय. जउनि: ओकर दाई वी. सेल्वी बोले नई सकत रहिस. जब मंय ओकर ले गिरि के बारे मं पूछेंव त वो ह घर के कोनहा मं जाके बइठ गीस अऊ रोये लगिस

ये सीजन के बखत, थम्बी [छोटे भाई] सिरिफ कपड़ा दुकान मन मं काम करे ला जावत रहिस. ये बछर वो ह ये काम करे [पटाखा दुकान मं] के फइसला करिस. वो ह 12 वीं क्लास पास कर ले रहिस अऊ पैरामेडिकल कोर्स करे सेती आवेदन करे रहिस. कम नंबर आय सेती ओकर आवेदन ख़ारिज होगे. येकर बाद वो ह कपड़ा दुकान मं काम करे बर जाय लगिस. एक बेर आदी के बखत [ बीच जुलाई ले बीच अगस्त तक के सीजन जिहां कपड़ा दुकान मन मं खास बिक्री अऊ छुट मिलथे], वो ह 25,000 (रूपिया) कमाय रहिस. वो ह येकर 20,000 रूपिया ला घर के करजा चुकाइस.

“आठ बछर पहिली हमर ददा के गुजर जाय के बद हमन दूनों कपड़ा दुकान मन मं काम करत रहेन, अऊ जऊन कमावत रहेन ओकर ले करजा चुकावत रहेन. हमर भैय्या के बिहाव होईस अऊ ये मं हमर ऊपर 30,000 रूपिया के करजा हो गीस.

“त हमन सब्बो किसिम के बूता करेन. हमर मन ले कतको मन के सेती, गर बखत बने रहय, त हमन घर लहूंट के आ जावन. पटाखा दुकान के मालिक ह हमर इलाका के एक झिन टूरा ले बात करिस अऊ कहिस के दुकान मं कतको काम हवय. एक ठन गोहड़ी पहिलीच गे रहिस,मोर भाई दूसर मं गीस.

“फेर काम करे गे लइका मन मं कुछु दिक्कत रहिस, येकरे सेती मोर भाई गिरि लहूंट के आगे अऊ हमत भैय्या के संग रहे ला लगिस. वो ह ओकर संग काम करत रहिस अऊ ओकर बाद मोर बड़े भाई इहाँ मन्दिर दरसन करे चले गीस.

उहिच बखत मोर छोटे भाई ला पटाखा दुकान मं काम करेइय्या टूरा मन के फिर ले फोन आइस अऊ वो मन वोला काम मं लहुंट के आय ला कहिन. मोर भाई 7 अक्टूबर, 2023 मं काम करे गीस. ये उही दिन रहिस जब ये अलहन होय रहिस.

वो ह सिरिफ एकेच दिन बूता करे रहिस.

मोर भाई के जनम 3 अक्टूबर 2006 मं होय रहिस. हमन हालेच मं ओकर जनमदिन मनाय रहेन अऊ 7 अक्टूबर मं ये होगे.

हमन कऊनो ला घलो पता नई रहिस के काय होय रहिस. ये अलहन मं बांहचे गाँव के दू झिन टूरा मन येकर खबर दीन. ओकर बाद हमन खोज खबर लेन, त पता चलिस के हमर गाँव के सात झिन लइका के मऊत होगे हवय. हमन भाड़ा मं कार करेन अऊ लाश के चिन्हारी करे गे रहेन.

The photograph of another deceased, 19-year-old Akash, is garlanded and placed on a chair in front of the house. His father, M. Raja (right)
PHOTO • M. Palani Kumar

एक झिन दीगर मरेइय्या 19 बछर के लइका आकाश के फोटू मं माला चढ़ाय गीस अऊ वोला घर के आगू मं एक ठन कुर्सी मं रखे गीस. फोटू के तीर मं ओकर ददा एम राजा बइठे हवंय

मामला दर्ज करे गीस. कर्नाटक के मुख्यमंत्री, मंत्री केपी अंबाजगन, एक विधायक, सांसद अऊ कतको दीगर लोगन मन आय रहिन. वो मन तीन लाख रूपिया के चेक दीन.वो मन कहे रहिन के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री आही, फेर वो ह नई आइस.

हमर मांग हवय के हरेक परिवार ला ओकर पढ़ई मुताबिक सरकारी नऊकरी मिले ला चाही.”

गिरि के परिवार के कहना हवय के वो मन ला आस हवय के दू झिन बेटा ले एक झिन ला सरकारी नऊकरी देय जाही. “हाथ-मुंह  चलत तक ले हमर जिनगी हवय. गर वो मन ले कऊनो एक झिन ला सरकारी नऊकरी मिल जाही त जिनगी असान हो जाही.”

गिरि के दाई के बात सिरोय के बाद मंय ओकर ले ओकर फोटू मांगेंय. भाई ह अपन ददा के गुजर जाय वाले एक ठन फोटू डहर आरो करथे. फ्रेम जड़े नानकन फोटू मं गिरि के बचपना के फोटू रहिस. ये ह भारी सुग्घर फोटू रहिस.

“गर हमर तीर मं करूर के एसआईपीसीओटी जइसने कुछु होय रतिस, त हमर लइका मन काम करे बर अतका दूरिहा नई जातिन. बीते बखत लइका मन ला उचकाय गे रहिस. वो मन ला कहे गे रहिस के लहूंटे बखत वो मन ला नवा फोन मिलही. कऊनो ला पता नई चलिस के गोदाम मं पटाखा फूटे हवय. सब्बो आठों लइका के दम घुटे सेती मऊत होगे. हमन जाँच मं मसूस करेन के वो मन के एके संग बहिर आय के रद्दा बनेच छोटे रहिस. ये पहिली बखत आय जब टूरा मन कऊनो पटाखा दुकान सेती काम करत रहिन,” कॉमरेड बाला कहिथें.

जब कॉमरेड बाला ह अइसने कहिस त मोला अपन भाई बाला के सुरता आ गे. ये जगा ह अऊ घलो भारी हो गे. मोला अपन दम निकरे ला लगिस, मोर हिरदे सुन्न परगे.

मरेइय्या सब्बो आठों के घर वाले मन अपन मयारू लोगन के फोटू मन ला फ्रेम कराय रहिन. हरेक घर मरघट जइसने रहिस. लोगन मन आवत-जावत रहंय. ये अलहन ला होय हफ्ता भर ला जियादा बखत होगे हवय फेर दुख अऊ आंसू थमत नई ये. नाता-गोता के लोगन मन अभू घलो रुके हवंय.

'This is the first time he was going to this kind of job,' says Akash's father.
PHOTO • M. Palani Kumar
A photo of Akash's mother (right) who passed away 12 years ago
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आकाश के बारे मं एम. राजा कहिथें, ‘ये पहिली बखत रहिस जब वो ह अइसने किसम के काम करे गे रहिस.’ ओकर दाई (जउनि) ला गुजरे 12 बछर होगे हवय

Raja says Akash was particularly fond of  Dr. B.R. Ambedkar. 'He had hung his [Ambedkar’s] portrait [near his bed] so that he would be the first image to see when he woke up'
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राजा के कहना रहिस के कइसने आकाश ला अंबेडकर ले खास लगाव रहिस. वो ह कहिथे, ‘वो ह ओकर (अंबेडकर के) फोटू ला अपन सुते के जगा करा टांग दे रहिस, जेकर ले वो जब घलो जगे सबले पहिली ओकरेच फोटू देखय’

एक झिन अऊ मरेइय्या 19 बछर के आकाश के फोटू मं माला पहिरा के, वोला घर के आगू मं एक ठन कुर्सी मं रखे गीस. ओकर ददा फोटू के आगू सुते रहिस. ओकर घर मं सिरिफ दू ठन खोली रहिस. जब मंय ओकर घर गेंय त मोला दूसर कुर्सी मं दूसर फोटू मं आकाश के दाई के फोटू दिखिस.

जब मंय आकाश के ददा ले बात करे सुरु करेंव त वो ह कलप-कलप के रोवत रहय. वो ह दारू के नशा मं घलो रहिस. जेन कॉमरेड मोला उहाँ लेके गे रहसी, वो ह वोला चुप कराइस अऊ बात कराइस.

“मंय एम. राजा 47 बछर के हंव. मंय एक ठन चाय दुकान मं गिलास धोथों. मोर बेटा पटाखा दुकान मं येकर सेती गे रहिस काबर के ओकर संगवारी मन उहां गे रहिन. वो ह बने लइका रहिस; तेज दिमाग रहिस. जब वो ह काम करे ला गीस, त वो ह मोला 200 रूपिया दिस अऊ दारू झन पिये ला कहे रहिस. वो ह बोले रहिस के वो ह 10 दिन मं लहूंट के आ जाही अऊ मोर सेवा करही. ये पहिली बखत रहिस जब वो ह अइसने काम करे ला जावत रहिस. मंय कभू वोला बूता करे बहिर जाय नई कहे रहेंव.”

राजा के कहना आय के कइसने आकाश ला अंबेडकर ले खास लगाव रहिस. “वो ह ओकर (अंबेडकर के) फोटू ला अपन सुते के जगा करा टांग दे रहिस, जेकर ले वो जब घलो जगे सबले पहिली ओकरेच फोटू देखय. मंय बस इहीच सोचत रहेंव के हमर लइका मन कइसने बड़े होय ला लगे हवंय. अऊ ये मोर बेटा के संग होईस. सुरु मं वो ह काम करे बर एक ठन कपड़ा दुकान मं जावत रहिस, फेर हमन कभू नई चाहत रहेन के वो ह बूता करे जाय. मंय एक ठन चाय दुकान मं 400 रूपिया रोजी मन काम करथों. मोर एक बेटी अऊ दू बेटा हवंय. मंय सिरिफ अपन लइका मन बर जीयत हवं. मोर घरवाली ला गुजरे 12 बछर होगे हवय.”

Vedappan at 21 years old was the oldest of the young boys to die in the explosion. He was married just 21 days before his death
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21 साल के वेदप्पन धमाका मं मरेइय्या सबले जियादा उमर के मइनखे रहिस. मरे के 21 दिन पहिली ओकर बिहाव होय रहिस

येकर बाद हमन 21 बछर के वेदप्पन के घर गेन. अंबेडकर के फोटू के बगल मं कोट सुत मं ओकर फोटू भिथि मं टंगे रहिस, जेन ह हमन ला ओकर गुजरे के बात बतावत रहिस. वो ह आठों मरेइय्या मन ले अकेल्ला रहिस जेकर बिहाव होय रहिस. ओकर बिहाव होय 21 दिन होय रहिस. ओकर ददा के छोड़ कऊनो घलो बात करे के हालत मं नई रहिन. वेदप्पन के घरवाली अब तक ले ये सदमा ले उबरे नई सके रहिस.

“हमन धर्मपुरी जिला के टी. अम्मापट्टी गांव के बासिंदा अन. हमर परिवार कऊनो संपन्न परिवार नो हे. हमर गांव ले कम से कम सात झिन अऊ हमर जिला ले 10 झिन गे हें. काम-बूता के कमी सेती वो मन काम करे बहिर गे रहिन. जब ये घटना घटिस तब वो मं ला काम करत मुस्किल ले दू धन तीन दिन होय रहिस.

“न तो कर्नाटक अऊ न तमिलनाडु सरकार ह ये अलहन के कारन के घोसना करे हवय. मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करना घलो मुस्किल होगे हवय. तमिलनाडु सरकार ला हमन ला मृत्यु प्रमाण पत्र देय ला चाही, मुआवजा देय ला चाही अऊ हरेक परिवार ला पढ़ई के मुताबिक सरकारी नऊकरी दे ला चाही.”

Left: A photo of Kesavan (pink shirt) with his mother, Krishnaveni and elder brother.
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Right: His mother didn't know he was working in the cracker shop when he died in the explosion
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डेरी: केसवन (गुलाबी कमीज) अपन महतारी कृष्णावेनी अऊ भैय्या के संग एक ठन फोटू. जउनि: जब  धमाका मं ओकर परान गीस त ओकर महतारी ला पता नई रहिस के वो ह पटाखा दुकान मं काम करत रहिस

Left: Kumari's son Munivel was 20 years old when he died in the explosion. His photo, like all the other deceased, is displayed outside their home.
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Right: Illumparidhi's parents, Bhanu and Senthilkumar stand near their son's photo
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डेरी: कुमारी के बेटा मुनिवेल 20 साल के रहिस जब धमाका मं मारे गीस. दीगर सब्बो मरेइय्या मन के जइसने ओकर मनके फोटू घलो घर के बहिर मं लगे हवय. जउनि: इलुमपरिधि के दाई-ददा भानु अऊ सेंथिलकुमार अपन बेटा के फोटू तीर ठाढ़े हवंय

कृष्णावेनी आर. केसवन के दाई आय. वो ह कहिथे के वोला ये बात के पता नई रहिस के ओकर बेटा पटाखा दुकान मं काम करे ला गे हवय. “वो अपन संगवारी मन के संग जाय रहिस. हमन अब तक ले सरकार ले कुछु नई सुने हवन फेर आस हवय के वो ह हमन ला नऊकरी दिही.”

पैंतीस बछर के कुमारी, जेकर बेटा के परान ये अलहन मं चले गे, अलहन के दिन अपन बेटा के भेजे सेल्फी ला लेके कहिथें. “ वो मन खतरा ले भरे अइसने काम बूता येकरे सेती करथें काबर के वो मन देवारी बखत हमन ला कुछु देय ला चाहथें. नवा कपड़ा धन कुछु अऊ बिसोय सकें. वो मन पटाखा दुकान मं रोजी 1,200 रूपिया झोंकथें, फेर कपड़ा दुकान मन मं सिरिफ 700-800 रूपिया कमाथें.

“सोचव के मंझनिया खाय के बखत ओकर सेल्फी अऊ ओकर तुरते बाद ओकर देह ला देख के मोला कइसने लगे होही?”

भगवान करे कऊनो घलो परिवार ला ये दुख झेले ला नई मिलय जइसने हमर परिवार ला झेले ला परे हवय. पटाखा दुकान मन मं कऊनो अलहन न हो, गर हो जाय त उहाँ ले लोगन मन ला भागे के रद्दा होय ला चाही. गर अइसने नई ये त दुकान चले के इजाजत नई दे ला चाही. कुमारी कहिथे, “हमर परिवार ये नुकसान झेलेइय्या आखिरी परिवार होय.”

Left: A photo of T. Vijayaraghavan, Kesavan and Akash that they sent to their families by Whatsapp shortly before the accident took place.
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Their charred bodies (right) were unrecognisable
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डेरी: टी. विजयराघवन, केसवन अऊ आकाश के एक ठन फोटू जेन ला वो मन अलहन होय के पहिली अपन परिवार ला भेजे  रहिन. जउनि: विजयराघवन के ददा कहिथे , ‘वो मन अतक जर गे रहिन के चिन्हारी करे संभव नई रहिस’

Saritha shows a photo of Vijayaraghavan on her phone. She says all the memories of her son are in the photos in her phone
PHOTO • M. Palani Kumar
Saritha shows a photo of Vijayaraghavan on her phone. She says all the memories of her son are in the photos in her phone
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सरिता अपन फोन मं विजयराघवन के एक ठन फोटू दिखाथे. वो ह कहिथे के ओकर बेटा के जम्मो सुरता ओकर फोन मं खींचे फोटू मन मं हवय

जब हमन 18 बछर के टी. विजयराघवन के घर हबरेन, त ओकर दाई बनेच बीमार रहिस अऊ अस्पताल गे रहिस.जब वो ह लहूँट के आइस मंय देखेंव के वो ह कतक थके हवय. वो अभू घलो हमर ले गोठियावत रहिस, फेर हमन विजयराघवन के बहिनी के देय मही ला पियत रहेन.

“वो ह मोला कहे रहिस के वो ह कपड़ा दुकान मं जावत हे. मोला यकीन नई होवत रहिस के वो ह पटाखा दुकान मं काबर गीस. मोला पता हे के वो ह कालेज के फ़ीस भरे ला चाहत रहिस अऊ हमर ऊपर बोझा डारे ला नई चाहत रहिस काबर के हमन अपन बेटी के इलाज मं सब्बो कुछु खरचा करत रहेन. गर सरकार हमन ला कऊनो नऊकरी देय त हमर उपर मेहरबानी होही,” 55 बछर के सरिता कहिथे.

कुछेक संगवारी अऊ विजयराघवन के ददा के संग, हमन वो जगा घलो जाय रहेन जिहाँ आठों लइका के काठी सजे रहिस. विजयराघवन के ददा कहिथे, “वो मन पहिलीच ले अतक जर गे रहिन के चिन्हारी करे संभव नई रहिस. हमन एकेच संग सबके माटी-काठी कर देन.”

थेनपन्नई नदी अभू घलो बोहावत रहिस, जेन ह आठ जवान जिनगी के माटी-काठी के गवाह रहिस, जेन मन कभू अवेइय्या बखत  आय अऊ मया करे रहिन.

मंय लहुंट के आ गेंव. मोर हिरदे ह सुन्न होगे रहिस.

दू दिन बाद, मंय पटाखा बनाय के बड़े जगा शिवकाशी मं 14 झिन के खबर ले जागेंव.

All the eight boys were cremated together
PHOTO • M. Palani Kumar

जम्मो लइका मन के काठी एके जगा सजिस

The Thenpannai river that flows between Dharmapuri and Thiruvannamalai districts of Tamil Nadu
PHOTO • M. Palani Kumar

थेनपन्नई नदी जेन ह धर्मपुरी अऊ तिरुवन्नामलाई जिला के बीच मं बोहाथे

अनुवाद: निर्मल कुमार साहू

M. Palani Kumar

M. Palani Kumar is Staff Photographer at People's Archive of Rural India. He is interested in documenting the lives of working-class women and marginalised people. Palani has received the Amplify grant in 2021, and Samyak Drishti and Photo South Asia Grant in 2020. He received the first Dayanita Singh-PARI Documentary Photography Award in 2022. Palani was also the cinematographer of ‘Kakoos' (Toilet), a Tamil-language documentary exposing the practice of manual scavenging in Tamil Nadu.

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Editor : Kavitha Muralidharan

Kavitha Muralidharan is a Chennai-based independent journalist and translator. She was earlier the editor of 'India Today' (Tamil) and prior to that headed the reporting section of 'The Hindu' (Tamil). She is a PARI volunteer.

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Translator : Nirmal Kumar Sahu

Nirmal Kumar Sahu has been associated with journalism for 26 years. He has been a part of the leading and prestigious newspapers of Raipur, Chhattisgarh as an editor. He also has experience of writing-translation in Hindi and Chhattisgarhi, and was the editor of OTV's Hindi digital portal Desh TV for 2 years. He has done his MA in Hindi linguistics, M. Phil, PhD and PG diploma in translation. Currently, Nirmal Kumar Sahu is the Editor-in-Chief of DeshDigital News portal Contact: [email protected]

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