सात-बारह-के-बिना-हम-कुछ-नहीं-कर-सकते

South Mumbai, Maharashtra

Feb 19, 2021

‘सात बारह के बिना, हम कुछ नहीं कर सकते’

अरुणाबाई और शशिकला — दोनों आदिवासी समुदायों की विधवाएं, और औरंगाबाद जिले में किसान और खेतिहर मज़दूर हैं — नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और अपनी ज़मीन का मालिकाना हक़ मांगने के लिए मुंबई आईं

Author

Riya Behl

Translator

Qamar Siddique

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Author

Riya Behl

रिया बहल, मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं और जेंडर व शिक्षा के मसले पर लिखती हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया (पारी) के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम कर चुकी हैं और पारी की कहानियों को स्कूली पाठ्क्रम का हिस्सा बनाने के लिए, छात्रों और शिक्षकों के साथ काम करती हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।